डायबिटीज़ की समस्या आजकल देश में तेजी से बढ़ रही है। इसका प्रभाव केवल वृद्धों पर ही नहीं, बल्कि युवा पीढ़ी पर भी पड़ रहा है। डायबिटीज़ को नियंत्रित करने के लिए खानपान और जीवनशैली में कुछ बदलाव जरूरी हैं।
डायबिटीज़ के मरीजों को अपनी डाइट का विशेष ध्यान रखना पड़ता है, क्योंकि अगर ब्लड शुगर लेवल बेकाबू हो जाए, तो कई गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
ऐसे में काले चने का सेवन बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है, क्योंकि यह ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करता है।
भारत में डायबिटीज के मरीजों की संख्या ज्यादा
भारत में डायबिटीज़ के मरीजों की संख्या बहुत अधिक है, और इसे “डायबिटीज़ की राजधानी” भी कहा जाता है। डायबिटीज़ के मरीजों को हमेशा कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए, क्योंकि ये खाद्य पदार्थ ब्लड शुगर को तेजी से नहीं बढ़ने देते हैं।
काले चने से ब्लड शुगर पर कंट्रोल
काले चने का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 43 होता है, जो इसे डायबिटीज़ के मरीजों के लिए एक बेहतरीन आहार बनाता है। काले चने में मौजूद फाइबर ब्लड में पोषक तत्वों को धीरे-धीरे अवशोषित करने में मदद करता है, जिससे ब्लड शुगर का लेवल नियंत्रित रहता है।
साथ ही, काले चने में प्रोटीन की अच्छी मात्रा भी पाई जाती है। इसमें स्टार्च और ऐमिलोज नामक एक विशेष तत्व होता है, जो ब्लड में ग्लूकोज के प्रवेश को धीमा करता है और इंसुलिन की क्रियाशीलता को भी बढ़ाता है।
इसलिए, टाइप-2 डायबिटीज़ के मरीजों के लिए काले चने का सेवन विशेष रूप से फायदेमंद है।
काले चने में घुलनशील और अघुलनशील दोनों प्रकार के फाइबर होते हैं, जो न केवल डायबिटीज़ बल्कि कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रित करने और वजन घटाने में भी मददगार हैं।
काले चने का सेवन कैसे करें?
काले चने को कई तरीकों से खाया जा सकता है। आप इन्हें उबालकर, भिगोकर, सब्जी बनाकर, चाट के रूप में या सलाद के तौर पर सेवन कर सकते हैं।
हालांकि, काले चने का सेवन करने का सबसे बेहतरीन तरीका चाट बनाना है। इसके लिए आप टमाटर, प्याज, खीरा, धनिया, नींबू और हरी मिर्च को छोटे टुकड़ों में काट सकते हैं और एक कप उबले हुए काले चनों के साथ मिला सकते हैं।
इससे न केवल स्वाद बढ़ेगा, बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी रहेगा।
काले चने से कब्ज और बवासीर में राहत
काले चने में फाइबर और कार्बोहाइड्रेट की भरपूर मात्रा होती है, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करती है। इसके नियमित सेवन से कब्ज और बवासीर जैसे रोगों से राहत मिल सकती है।
निष्कर्ष:
यह लेख सामान्य जानकारी के लिए है और इसका उद्देश्य किसी भी दवा या इलाज का विकल्प नहीं है। डायबिटीज़ और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
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