Jojoba Farming Business Idea: देश के किसान अब पारंपरिक खेती को छोड़कर नकदी फसलों की ओर ध्यान दे रहे हैं। इसी कड़ी में अब कई किसान जोजोबा (Jojoba) की खेती कर रहे हैं, जो एक विदेशी मूल का पौधा है और इसे होहोबा के नाम से भी जाना जाता है।
इंटरनेशनल मार्केट में जोजोबा की मांग तेजी से बढ़ रही है। भारत में इसकी खेती की शुरुआत राजस्थान जैसे राज्यों से हुई है, जहां के किसान इस फसल से सालाना लाखों की कमाई कर रहे हैं।
Jojoba की खेती का मुख्य उद्देश्य
जोजोबा की खेती का मुख्य मकसद इसके बीजों से तेल निकालना है, जिसकी बाजार में बहुत ज्यादा डिमांड है। इस तेल की कीमत करीब 7000 रुपये प्रति लीटर है।
इसे फेस और स्किन के लिए मॉइस्चराइजर, शैंपू, कंडीशनर, हेयर ऑयल, लिपस्टिक, एंटी-एजिंग और सन केयर प्रोडक्ट्स में इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा, इसका उपयोग केमिकल्स और दवाइयों के निर्माण में भी बड़े पैमाने पर होता है।
Jojoba की खेती कैसे करें?
जोजोबा एक झाड़ीदार या छोटे पेड़ के रूप में उगता है, जिसकी ऊंचाई 8 से 19 फीट तक हो सकती है। यह पौधा रेगिस्तानी इलाकों में भी अच्छी तरह से उगता है।
इसकी खेती के लिए किसानों को ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती है। थोड़ा-सा पानी देने पर भी ये पौधे तेजी से बढ़ते हैं और रेतीली मिट्टी में भी आसानी से उग जाते हैं।
खास बात यह है कि इन्हें किसी भी तरह के खाद की जरूरत नहीं होती। जोजोबा की खेती उन इलाकों में भी की जा सकती है, जहां पानी की भारी कमी होती है। रेगिस्तान और बंजर जमीन में भी किसान इसे कम खर्च में उगाकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
Jojoba 100 साल से ज्यादा उम्र वाले पौधे
जोजोबा पौधे की उम्र 100 साल से भी अधिक होती है और इसके बीजों से प्रति 20 किलो बीज पर करीब 10 लीटर तेल निकाला जा सकता है।
एक बार जोजोबा के पौधों को लगाने के बाद किसान लंबी अवधि तक इनसे कमाई कर सकते हैं। इस फसल की मांग विश्वभर में तेजी से बढ़ रही है, जिससे इसके अच्छे दाम भी मिलते हैं।
जोजोबा की खेती उन किसानों के लिए सुनहरा अवसर है, जो कम लागत में अधिक मुनाफा कमाना चाहते हैं। रेगिस्तान और बंजर भूमि पर उगने वाली यह फसल भारतीय किसानों के लिए एक नई उम्मीद बन सकती है।
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