IPO में अधिक बोली लगाने पर लगेगा ब्रेक: SEBI के नए नियमों की पूरी जानकारी

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IPO Rules: मार्केट रेगुलेटर SEBI (सेबी) जल्द ही इनीशियल पब्लिक ऑफर (IPO) से जुड़े नियमों को सख्त करने की तैयारी कर रहा है।

विशेष रूप से, मर्चेंट बैंकरों के लिए नियम कड़े करने की योजना बनाई जा रही है, जो IPO प्रक्रिया में एक अहम भूमिका निभाते हैं।

सेबी ने मर्चेंट बैंकरों से जुड़े नियमों को लेकर मार्केट पार्टिसिपेंट्स से फीडबैक भी मांगा था। सूत्रों के अनुसार, इस फीडबैक के आधार पर SEBI नए नियमों को जल्द ही पेश कर सकता है।

SEBI की मुख्य चिंता हितों के टकराव (Conflict of Interest) को लेकर है। दरअसल, मर्चेंट बैंकरों के डायरेक्टर्स और सीनियर मैनेजमेंट के अधिकारी कई बार उस कंपनी के IPO में निवेश कर देते हैं, जिसका IPO वे स्वयं प्रबंधित कर रहे होते हैं।

SEBI को ऐसे कई मामले मिले हैं, जहां मर्चेंट बैंकरों के वरिष्ठ अधिकारी उस कंपनी के शेयर धारक थे, जिसका IPO उनकी फर्म ने लीड किया था।

इस विषय से जुड़े एक जानकार ने बताया, “यह साफ तौर पर हितों के टकराव का मामला है, और SEBI इसे खत्म करना चाहता है। इंडस्ट्री से जुड़े कई लोग इस मसले से अवगत हैं।”

सेबी की प्राइमरी मार्केट एडवायजरी कमेटी (PMAC) ने इस मसले पर सेबी को फीडबैक दिया था। PMAC, सेबी को इंटरमीडियरी और प्राइमरी मार्केट में निवेशकों के हितों से जुड़े मसलों पर सलाह देती है।

SME IPO में धड़ल्ले से चल रहा है खेल

इस तरह के अधिकतर मामले मेबोर्ड IPO में देखने को नहीं मिलते, लेकिन SME IPO में इस तरह की गतिविधियां बड़ी संख्या में हो रही हैं।

इससे पहले मनीकंट्रोल ने मर्चेंट बैंकरों और SME IPO से जुड़े एडवाइजरी फर्मों के बीच कथित सांठगांठ की खबर दी थी। मनीकंट्रोल ने बताया कि इस सांठगांठ के जरिए कंपनियों को अपने IPO के लिए अधिक सब्सक्रिप्शन पाने में मदद मिलती है।

निवेश की सीमा होगी तय

SEBI ने अगस्त 2024 में एक डिस्कशन पेपर जारी किया था, जिसमें मर्चेंट बैंकरों के नियमों में बदलाव के प्रस्ताव रखे गए थे। इस प्रस्ताव में मर्चेंट बैंकरों के डायरेक्टर और प्रमुख अधिकारियों के IPO में निवेश की सीमा तय करने की बात कही गई थी।

प्रस्ताव के अनुसार, अगर मर्चेंट बैंकर के डायरेक्टर या उनके सीनियर अधिकारी किसी कंपनी में 0.1% से अधिक हिस्सेदारी या 10 लाख रुपये से अधिक मूल्य की हिस्सेदारी लेते हैं, तो वे उस कंपनी का लीड मैनेजर नहीं बन सकेंगे।

फिलहाल, नियमों में इस विषय पर स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं हैं, जिसकी वजह से मर्चेंट बैंकरों के प्रमुख अधिकारियों द्वारा IPO में हिस्सेदारी लेने के मामले सामने आते रहे हैं।

इससे हितों का टकराव पैदा होता है। हालाँकि, SEBI ने कहा है कि अगर मर्चेंट बैंक म्यूचुअल फंड के जरिए हिस्सेदारी लेते हैं, तो उसे कोई आपत्ति नहीं है।

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